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“ऐसी कहानियाँ जो मुर्दा जिस्म में जान भर दें”

“ज़िन्दगी विद ऋचा” के साथ मैं कैसे जुड़ा? शुरूआत से बताता हूँ… साल २००९ की बात है, मैं एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था… महीनों अस्पताल में गुज़ार कर जब घर लौटा तो शरीर बेजान हो चुका था… पूरा दिन दवाइयों की गिरफ़्त में […]

जब रुकी-सी ज़िन्दगी को मिली ‘ज़िन्दगी विद ऋचा’

अभी भी अच्छे से याद है मुझे, उस दिन पहली बार ऋचा जी से मिलना और उनका ये पूछना कि क्या मेरी टीम का हिस्सा बनोगी? मां बनने की जिम्मेदारियों के चलते 3 साल के करियर ब्रेक के बाद ये ऑफर मिलना, जाहिर है खुशी […]