5/- रुपए में भरपेट खाना

महर्षि व्यास ने कहा है “न हिं मानुषात् श्रेष्ठतरं हि किंचितः” अर्थात सृष्टि में मानव से अधिक श्रेष्ठ और कोई नहीं। मनुष्य सृष्टि की सर्वोपरि रचना है। 84 लाख योनियों में हमें मानव की सर्वश्रेष्ठ योनि प्राप्त हुई है, और जब कोई मानव इस योनि […]