18 जून 2018 को जब AIIMS Entrance exam का परिणाम घोषित हुआ तो रैंक के हिसाब से मेरा AIIMS में सलेक्शन होना तय था। यह बात जानकर मुझे एवं मेरे माता-पिता को बहुत खुशी हुई। बहुत लोगों को यह सब जानकर बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि ऐसे बैकग्राउंड और सुख सुविधाओं के साधनों की कमी के बावजूद AIIMS जैसे संस्थान में प्रवेश पा लेना असम्भव था। धीरे-धीरे जब यह बात न्यूज़, पेपर, टीवी और सोशल मीडिया पर जाने लगी तो मेरी और भी प्रशंसा होने लगी।

कॉलेज में आने के 2 महीने बाद दिल्ली से एक कॉल आया कि मुझे “Zindagi With Richa” यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू देना है। उस इंटरव्यू के बाद लोगों को मेरी सफलता पर और ज़्यादा आश्चर्य होने लगा। शायद इसीलिए कि उनका नजरिया शायद मेरे नजरिए से अलग था। मेरा मानना है कि सफलता के लिए सिर्फ दो चीजों का होना बहुत ज़रूरी है , दृढनिश्चय और मेहनत करने की भावना। पढ़ने के लिए अगर इन दो साधनों के अलावा किताब, नोटबुक और पेन मिल जाए तो किसी भी इन्सान को सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। बस ज़रूरत है शुरुआत करने की। अगर एक बार शुरुआत कर दी जाए और दृढनिश्चय के साथ मेहनत की जाए तो सफलता मिलना तय है।

 

मैं बचपन में पढ़ाई के साथ बकरी चराने, सब्जी बेचने का काम करता था ताकि घर को चलाने में सपोर्ट मिले। मुझे मेरी ज़िन्दगी की विपरीत परिस्थितियों ने निराश तो बहुत किया, पर मैंने हार ना मानकर failure को नहीं अपनाया ।इसके बावजूद मुझे एक आशा थी कि शायद निरन्तर मेहनत करता रहा तो कहीं ना कहीं सफलता तो मिलेगी ही।

जब मैं दक्षणा में पढ़ रहा था तो वहां weekly test होते थे और उनमें कम marks आते तो मैं निराश हो जाता था और घर की आर्थिक हालत के बारे में सोचकर और भी परेशान हो जाता था। जिनके ज़्यादा मार्क्स आते उनके बारे में सोचकर बहुत demotivate हो जाता था लेकिन पढ़ता रहता था और अंत में मैंने सारे एग्जाम्स (JEE MAINS, AIIMS, NEET , KVPY, OLYMPIAD) क्लियर कर लिए।

निराश बैठकर वक्त बर्बाद करना हल नहीं है। इसीलिए आप भी मेहनत करते रहिए!

 

Written By: Asharam Choudhary

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